कलम
तख्ती
पढ़ाई
तख्ती पढ़ने का समय भी कितना अच्छा था
कभी तख्ती सुखाना
कभी स्याही सूख जाना और कभी
कलम का टूट जाना
वो अनमोल पल इक सपना हो गये
आज कम्पयूटर का युग है
बच्चे छी कह कर ये सब फेंक देंगे
लेकिन तख्ती सुखाना
साथ में गुनगुनाना
ये सब कहाँ जान पायेंगे
बचपन की अनमोल यादें
वाह -- लाज़बाब --अनमोल
ReplyDeleteआभार विजया जी
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