ट्रांसिस्टर याद आये किसी को वो दिन
जब लाइट न होने पर
बिनाका गीतमाला इसपर सुनते थे
आजकल
तो फोन ने हर चीज़ की कमी को पूरा कर दिया है
लेकिन क्या यादो को
फोन द्वारा पूरा किया जा सकता है
किसी पडोसी के घर जब गीत बजता था
तब कैसे मचलता था मन
ट्रांसिस्टर के लिए
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