Friday, September 7, 2012

गुल्लक

गुल्लक

कौन कौन इसमें पैसे जमा करता था

याद आया कुछ

कौन कौन जानबूझ कर इसे तोड़ देता था

याद आया कुछ

इसका नाम पता कुछ याद आया

कितना प्यारा था वो बचपन और उसकी यादे


4 comments:

  1. bahut badiya bachpan ki bahut si yaade taza ho gyi.....

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  2. कुछ चीज़ें..
    कमज़ोर हिफाज़त में भी
    महफूज़ होती हैं!
    जैसे मिट्टी के गुल्लक में,
    लोहे के सिक्के..!!!

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